बाजार में बजट की घबराहट

बजट नजदीक आने के साथ है ब हौ निवेशकों में कर बढ़ने का आशंका भी घर करती जा रही है। इसी घबराहट के कारण प्रमुख सूचकांकों में लगातार चौथे दिन आज भी गिरावट आई। सितंबर के बाद पहली बार सूचकांक में लगातार इतनी कमी आई है। सेंसेक्स 937 अंक लुढ़क कर 47,409.93 पर बंद हुआ, जो 28 दिसंबर के बाद का सबसे कम स्तर है। निफ्टी भी 277 अंक के नुकसान के साथ 13,967.5 पर बंद हुआ, जो 21 दिसंबर के बाद सबसे बड़ी गिरावट है। 

 विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने आज 1,688 करोड़ रुपये के शेयर बेच डाले इसके साथ ही पिछले गुरुवार को दिन के कारोबार के दौरान 50,184 अंक के उच्चतम स्तर पर पहुंचने बाद से सेंसेक्स करोच 5.5 फौसदी लुड़क चुका हैं। हालांकि पिछले एक हफ्ते में दुनिया ज्यादातर बाजार लुके हैं मगर भारतीय बाजार में गिरावट ज्यादा रही हैं। विशेषज्ञों के मताधिक निवेशकों को डर सताने लगा है कि राजस्व के मोर्चे पर कमी झेल रही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बाजार के माकूल बजट लगेंगे या नहीं। इसी डर में निवेशक या तो मुनाफावसूली कर रहे हैं या बाजार से हटकर बैठ गाए हैं। 

उन्हें डर है कि घाटा पाटने के लिए सरकार पूंजी बाजार से जुड़े कर में तब्दीली कर सकरती है। केंद्र सरकार वाकई कर संग्रह में कमी से जूझ रही है और लाभांश कम आने तथा विनिवेश में देर होने की वजह कम हो गई है। राजस्व प्राप्ति और भी ऐक्सिस सिक्योरिटीज में मुख्य निवेश अधिकारी नवीन कुलकर्णी ने कहा, 'आगामी बजट सरकार के लिए चुनौती भरा होगा और ऊंचे कर औैसे कठोर फैसले लिए जा सकते हैं, जिनका असर खपत पर पड़ सकता है। रही वजह है कि बजट से पहले बाजार में घबराहट देखी जा रही है।

 निवेशकों को रक्षात्मक पोर्टफोलियो बनाना चाहिए और नकदी बचाकर रखनी चाहिए क्योंकि भविष्य में खरीदारी के अच्छे अवसर मिल सकते हैं। बाजार में उत्तार-चढाव का पैमाना वीआईएक्स सूचकांक आज 5 फीसदी बढ़कर 24.4 फीसदी पर पहुंच गया। बाजार के भागीदारों का कहना है कि ट्रेडर बजट से पहले बाजार में और आदा उततार-चढ़ाव की आशंका जता रहे हैं। विशेषज्ञों ने कहा कि अधिकांश सकारात्मक खबरों का बाजार पर असर दिख चुका है, जिससे नवंबर से इसमें करीब 25 फीसदी की तेजी आई है। अवेडस कैपिटल अल्टरनेट स्ट्रैटजीज के मुख्य कार्याधिकारी एंडय हॉलैंड ने कहा, 'हाल में बाजार में अच्छी तेजी देखा गई है।

 ऐसे में गिरावट की आशंका बनी हुई थी। कंपनियों के नतीजे अच्छे रहे हैं लेकिन इस बार बाजार को उसका फायदा नहीं हुआ है।' विशेषज्ञों ने कहा कि अमेरिका में प्रोत्साहन पैकेज की उम्मीद से भारत सहित कई उभरते बाजारों ने इस महीने रिकॉर्ड ऊंचाई ह ली थी। लेकिन अमेरिका के राष्ट्रपौत जो बाइडन द्वारा 1.9 लाख करोड़ डॉलर के राहत पैकेज की पोषणा में देरी से दुनिया भर के निवेशकों का हौसला कमजोर हुआ है।

 साथ ही कोरोनावायरस की नई किस्म के प्रसार से कई जगहों पर लॉकडाउन लगाए जाने का भी प्रतिकूल असर पड़ा है। बीएसई पर आज करीब 340 शेयर निचले सर्किट पर बंद हुए। ऐविसस बैंक में सबसे ज्यादा 4 फीसदी की गिरावट दर्ज को गई। करीब आधा दर्जन सेंसेक्स कंपनियां 3 फीसदी से ज्यादा गिरावट पर बंद हुई।