लाल किला घटनाः कई किसान संगठनों ने दीप सिद्ध को जिम्मेदार ठहराया

अभिनेता से कार्यकर्ता बने दीप सिद्ध गणतंत्र दिवस पर मंगलवार को लाल किले पर एक धार्मिक झंडा लगाने वाले प्रदर्शनकारियों में शामिल रहने को लेकर किसान संगठनों की आलोचना का केंद्र बन गए हैं। कई किसान संगठनों ने उन पर, मंगलवार को हुई किसानों की 'ट्रैक्टर परेड' के दौरान प्रदर्शकारियों को लाल किला की ओर बढ़ने के लिए उकसाने का आरोप लगाया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि सिद्ध (36) ने केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के शांतिपूर्ण आंदोलन को कथित तौर पर 'बदनाम' करने की कोशिश की। 

केंद्र के इन तीन नए कानूनों के खिलाफ पिछले साल किसानों के आंदोलन में शामिल होने के बाद से सिद्ध को कई किसान संगठन सरकार का 'एजेंट' (पिट्टू) मानते रहे हैं। हालांकि, सिद्ध ने लाल किले में प्रदर्शनकारियों के कृत्यों का बचाव करने की कोशिश करते हुए कहा है कि उन लोगों ने राष्ट्रीय ध्वज नहीं हटाया था और विरोध के प्रतीक के तौर पर 'निशान साहिब' का झंडा लगा दिया था। 

भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां) के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरीकलां ने बुधवार को आरोप लगाया, 'दीप सिद्धू सरकार के एजेंट हैं और उन्होंने किसानों के आंदोलन को बदनाम करने के लिए सरकार के इशारे पर ऐसा किया।